श्रीमद्भागवत महापुराण में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के सूत्र और सिद्धांत तथा समाधान निहित हैं : आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में गौसेवा परिवार, सीतारामप्यारी सोभासरिया चैरिटेबल ट्रस्ट (कलकत्ता) के तत्वावधान में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव के दूसरे दिन व्यास पीठाधीन श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण जी महाराज ने अपनी मधुर वाणी के द्वारा सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा का रसास्वादन कराते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत मानवीय जीवन के बहुमूल्य सूत्रों और सिद्धांतों की संहिता है।इस ग्रंथ के श्रवण करने से जीवन तो जीवन मृत्यु भी सुख मय बन जाती है।साथ ही इसमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के सूत्र और सिद्धांत तथा समाधान निहित हैं।उन्हें समझ कर धारण कर जीवन में उतारने की परम् आवश्यकता है। श्रीगीता योग है तथा रामायण प्रयोग है, तो श्रीमद्भागवत प्रयोगशाला है।
श्रद्धेय आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण जी महाराज ने कहा कि सदगुरु का आश्रय लिए बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं है।जिस प्रकार नदी पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है,उसी प्रकार भवसागर पार करने के लिए एवं प्रभु भक्ति पाने के लिए हमें सदगुरु की परम् आवश्यकता होती है।इसीलिए हमें अपने जीवन में सदगुरु अवश्य बनाने चाहिए।जिससे कि हमारा कल्याण हो सके।
उन्होंने कहा कि समाज की जितनी क्षति दर्जनों की दुर्जनता से नहीं है, जितनी कि सज्जनों के मौन रहने से होती है।विदुर नीति कहती है कि सज्जनों को दर्जनों की दुर्जनता का पुरजोर विरोध करना चाहिए।इसी से समाज को अपराध मुक्त किया जा सकता है। इस अवसर पर महोत्सव के मुख्य यजमान रमेश कुमार शोभासरिया, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, पण्डित किशोर शास्त्री, आचार्य राजा पण्डित, पंडित उमाशंकर मिश्रा एवं डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।